लेकिन 2004 में भारत और पाकिस्तान की टीम के बीच एक ऐसा मैच हुआ। जो आज भी क्रिकेट के इतिहास के सबसे रोमांचक मैच में गिना जाता है।
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बात है साल 2004 की टीम इंडिया पाकिस्तान के दौरे पर थी दौरे पर 3 टेस्ट और 5 वनडे मैच की सीरीज होनी थी।
शुरुआत वनडे सीरीज से हुई सीरीज का पहला मुकाबला कराची में खेला गया। पाकिस्तान की टीम के कप्तान इंजमाम उल हक थे। इधर भारतीय टीम दादा सौरव गांगुली के नेतृत्व में उतरी थी।
ये क्रिकेट सीरीज भारत और पाकिस्तान के राजनैतिक रिश्तों के लिए भी काफी अहम थी। क्योंकि भारतीय टीम 7 साल के बाद पाकिस्तान की धरती पर द्विपक्षीय सीरीज के लिए गयी थी।
इसके साथ ही टीम इंडिया को पाकिस्तान को उसी के घर पर हराने का मिशन भी पूरा करना था। जो कि बीते 6 द्विपक्षीय सीरीज में भारत नही कर पाया था।
तो चलिए मैच पर वापस आते है। भारत-पाकिस्तान का सबसे रोमांचक मैच के मुद्दें पर, 13 मार्च 2004, शनिवार का दिन था। पिच बल्लेबाजी के लिए अनुकूल था। अंदाजा लगाया जा रहा था टॉस जीतने वाली टीम बल्लेबाजी चुनेगी।
पाकिस्तानी कप्तान इंजमाम उल हक टॉस जीतने में सफल रहे लेकिन उन्होंने चौकाने वाला फैसला किया और पहले गेंदबाजी का निर्णय लिया।
शुरुआती 5 ओवर में भारत का स्कोर 45 रन तक पहुँच गया था।
हालांकि 142 के स्कोर तक सचिन तेंदुलकर (28) और वीरेंद्र सहवाग (79) पवेलियन लौट चुके थे।
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राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली ने रन रेट को कायम रखा और लगभग 25 ओवर में भारतीय टीम 200 का आंकड़ा पार कर चुकी थी।
25 से 40 ओवर के बीच यानी बीच के 15 ओवर में टीम इंडिया सिर्फ 70 रन ही जुटा पाई थी। हालांकि आखरी 10 ओवरों में द्रविड़ और मोहम्मद काफी ने भारत के रन रेट को फिर से बूस्ट किया।
45 ओवर तक भारत 4 विकेट खोकर 324 रन बना चुका था।
ऐसी रही पाकिस्तान की बल्लेबाजी
10 ओवर तक पाकिस्तान का स्कोर सिर्फ 40 रन का था।
इसके बाद कप्तान इंजमाम उल हक ने मोहम्मद यूसुफ के साथ मिलकर मोर्चा संभला और पाकिस्तान के स्कोर को आगे बढ़ाते चले गए।
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तीसरे विकेट के लिए इंजमाम उल हक और मोहम्मद यूसुफ के बीच 134 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी बनी।
इस खतरनाक पार्टनरशिप का अंत वीरेंद्र सहवाग की गेंद पर हुआ जब सहवाग ने मोहम्मद यूसुफ को सब्सिट्यूट इरफान पठान के हाथों 73 के स्कोर पर कैच आउट कराया।
हालांकि इंजमाम उल हक एक छोर से क्रीज पर डटे रहे और पाकिस्तान को जीत के करीब ले जाते रहे।
इसके बाद 45वें ओवर में खतरनाक दिख रहे यूनुस खान भी मुरली कार्तिक की गेंद पर 46 के स्कोर पर क्लीन बोल्ड हुए।
हालांकि अब भी पाकिस्तान जीत के करीब था। क्योंकि पाकिस्तान को 32 गेंदों ने सिर्फ 45 रन की दरकार थी और पाकिस्तान के हाथों में 5 विकेट थे।
जिसमें शोएब मलिक और अब्दुल रज़्ज़ाक जैसे खिलाड़ी शामिल थे।
अब मैच के आखरी ओवर में पाकिस्तान को जीत के लिए 9 रन की दरकार थी। इस समय जो टीम दबाव को सही ढंग से संभालती उस टीम को जीत मिल जाती।
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आखरी ओवर की 6 गेंदे आशीष नेहरा को डालनी थी। बल्लेबाजी के लिए राणा नावेद और मोइन खान क्रीज पर थे। पहली 3 गेंदों में सिर्फ 1 रन ही आया। अब बची 3 गेंदों पर 8 रन की जरूरत थी।
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